While I am still thinking on my next post, sharing a pic and some lines inspired from my recent trip.
ज़मीन अलग थी, आसमान वही था,
लोग अलग थे पर दर्द वही था|
दरिया अलग था, पानी वही था,
लोग अलग थे पर प्यासा वही था|
नोट अलग थे, उलझन वही थी,
लोग अलग थे पर रंज ओ गम* वही था|
परिंदे अलग थे, उड़ान वही थी,
लोग अलग थे पर बंजारा* वही था|
मूरत अलग थी, खुदा वही था,
लोग अलग थे पर मुस्तकबिल* वही था|
तू वही थी, मैं वही था,
हालात अलग थे पर इश्क़ वही था||
~ पियूष
*रंज ओ गम – Anger and Sadness; बंजारा – Nomad; मुस्तकबिल – Future
View Comments (1)
Keep posting Piyush.
Thanks.